Nakshatra Names In Hindi – ज्योतिष शास्त्र पर विश्वास रखने वालों ने ग्रह, नक्षत्र के बारे में तो जरूर सुना होगा क्योंकि ज्योतिष शास्त्रों में इसका महत्वपूर्ण योगदान है, जब हम किसी ज्योतिषी को अपने बारे में बताते हैं तो वह हमारे ग्रह, नक्षत्र को देखकर हमारे बारे में जानकारी देते है क्या आप जानते हैं कि कुल नक्षत्र कितने होते हैं ?
यदि नहीं तो आप सही पेज पर हैं यहां पर हम 27 Nakshatra Ke Naam, नक्षत्र की तारासंख्या और नक्षत्र के चिन्ह बता रहे हैं।
Definition Of Nakshatra In Hindi – नक्षत्र की परिभाषा
जब भी कोई अंतरिक्ष विज्ञान की बातें करता है तो उसमें सबसे पहले ग्रह, नक्षत्र का नाम आता है ग्रह नक्षत्र चंद्रमा की घूमने की परिक्रमा और पृथ्वी की परिक्रमा के आधार पर यह 27 समूह के बीच से गुजरता है और इन 27 समूहों को ही Nakshatra कहा जाता है। अथार्त हम कह सकते हैं कि वह सितारे जिसमें चंद्रमा 27 समूह के बीच से गुजरे, वह 27 नक्षत्र कहलाते हैं।
27 Nakshatra Names In Hindi – Nakshatra Ke Naam
नंबर | नक्षत्र | नक्षत्र भगवान | ग्रह स्वामी |
---|---|---|---|
1 | अश्विनी | अश्विन कुमार | केतु |
2 | भरणी | भगवान यम | शुक्र |
3 | कृतिका | अग्नि | रवि |
4 | रोहिणी | ब्रह्मा | चांद |
5 | मृगाशिरा | सोम | मंगल ग्रह |
6 | आर्द्र | रुद्र | राहु |
7 | पुनर्वासु | अदिति | बृहस्पति |
8 | पुष्य | बृहस्पति | शनि ग्रह |
9 | अश्लेषा | सर्प या नागा | बुध |
10 | माघ | पितरों या पूर्वजों | केतु |
11 | पूर्व फाल्गुनी | आर्यमन | शुक्र |
12 | उत्तर फाल्गुनी | भाग | रवि |
13 | तक | सविती या सूर्य | चांद |
14 | चित्रा | त्वस्तर या विश्वकर्मा | मंगल ग्रह |
15 | स्वाति | वायु | राहु |
16 | विशाखा | इंद्र और अग्नि | बृहस्पति |
17 | अनुराधा | मित्रा | शनि ग्रह |
18 | ज्येष्ठ | इंद्र | बुध |
19 | मूला | निरति | केतु |
20 | पूर्व आषाढ़ | क्या | शुक्र |
21 | उत्तर आषाढ़ | विश्वेदेवा | रवि |
22 | श्रवण | विष्णु | चांद |
23 | धनिष्ट | आठ वसु | मंगल ग्रह |
24 | शतभीष | वरुण | राहु |
25 | पूर्व भाद्रपद | अजयकपाड़ा | बृहस्पति |
26 | उत्तर भाद्रपद | अहिर्बुध्न्य | शनि ग्रह |
27 | रेवती | पूशा | बुध |
28 | Abhijit (अतिरिक्त नक्षत्र) | ब्रह्मा | बुध या केतु |
Nakshatra Ke Naam – तारासंख्या, आकृति और पहचान
नीचे टेबल के माध्यम से सभी नक्षत्रों के नाम, उनके तारा संख्या और उनकी पहचान के लिए उनकी आकृति बताई गई है आप आकृति के माध्यम से भी नक्षत्र का पता लगा सकते हैं :
नक्षत्र | तारासंख्या | आकृति और पहचान |
---|---|---|
अश्विनी | ३ | घोड़ा |
भरणी | ३ | त्रिकोण |
कृत्तिका | ६ | अग्निशिखा |
रोहिणी | ५ | गाड़ी |
मृगशिरा | ३ | हरिणमस्तक |
आर्द्रा | १ | उज्वल |
पुनर्वसु | ५ या ६ | धनुष या धर |
पुष्य | १ वा ३ | माणिक्य वर्ण |
अश्लेषा | ५ | कुलावचक्र |
मघा | ५ | हल |
पूर्वाफाल्गुनी | २ | खट्वाकार X उत्तर दक्षिण |
उत्तराफाल्गुनी | २ | शय्याकारX उत्तर दक्षिण |
हस्त | ५ | हाथ का पंजा |
चित्रा | १ | मुक्तावत् उज्वल |
स्वाती | १ | कुंकुं वर्ण |
विशाखा | ५ व ६ | माला |
अनुराधा | ७ | जलधारा |
ज्येष्ठा | ३ | कुंडल |
मुल | ९ या ११ | सिंह की पूँछ |
पुर्वाषाढा | ४ | हाथी का दाँत |
उत्तरषाढा | ४ | सूप |
श्रवण | ३ | बाण |
धनिष्ठा प्रवेश | ५ | मर्दल बाजा |
शतभिषा | १०० | मंडलाकार |
पूर्वभाद्रपद | २ | भारवत् |
उत्तरभाद्रपद | २ | दो मस्तक |
रेवती | ३२ | मछली |
27 नक्षत्रों के नाम कौन से हैं ?
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है, जो चंद्रमा की गति पर आधारित होते हैं। प्रत्येक नक्षत्र आकाश में एक विशिष्ट खगोलीय क्षेत्र को दर्शाता है। ये नक्षत्र व्यक्ति के जीवन पर विभिन्न प्रभाव डालते हैं और जन्म के समय चंद्रमा जिस नक्षत्र में स्थित होता है, उसे जन्म नक्षत्र कहते हैं। नीचे 27 नक्षत्रों की सूची दी गई है:
- अश्विनी – इस नक्षत्र का स्वामी केतु है।
- भरणी – इसका स्वामी शुक्र है।
- कृत्तिका – सूर्य इस नक्षत्र का स्वामी है।
- रोहिणी – चंद्रमा इस नक्षत्र का स्वामी है।
- मृगशिरा – मंगल इस नक्षत्र का स्वामी है।
- आर्द्रा – राहु इस नक्षत्र के स्वामी हैं।
- पुनर्वसु – गुरु या बृहस्पति इसका स्वामी है।
- पुष्य – शनि इस नक्षत्र का स्वामी है।
- आश्लेषा – बुध इसका स्वामी है।
- मघा – केतु फिर से इसका स्वामी है।
- पूर्वा फाल्गुनी – शुक्र इसका स्वामी है।
- उत्तरा फाल्गुनी – सूर्य इसका स्वामी है।
- हस्ता – चंद्रमा इस नक्षत्र का स्वामी है।
- चित्रा – मंगल इसका स्वामी है।
- स्वाति – राहु इसका स्वामी है।
- विशाखा – गुरु इसका स्वामी है।
- अनुराधा – शनि इसका स्वामी है।
- ज्येष्ठा – बुध इसका स्वामी है।
- मूल – केतु इसका स्वामी है।
- पूर्वाषाढ़ा – शुक्र इसका स्वामी है।
- उत्तराषाढ़ा – सूर्य इसका स्वामी है।
- श्रवण – चंद्रमा इसका स्वामी है।
- धनिष्ठा – मंगल इसका स्वामी है।
- शतभिषा – राहु इसका स्वामी है।
- पूर्व भाद्रपदा – गुरु इसका स्वामी है।
- उत्तर भाद्रपदा – शनि इसका स्वामी है।
- रेवती – बुध इसका स्वामी है।
प्रत्येक नक्षत्र की अपनी विशेषताएं होती हैं और यह व्यक्ति की जन्म कुंडली में विभिन्न ग्रहों के साथ उनके संबंधों को दर्शाता है। इसके आधार पर ज्योतिषी व्यक्ति के स्वभाव, प्रवृत्ति और भाग्य का अनुमान लगाते हैं।
Conclusion – हम हमेशा ज्योतिष और पंडितों से सुनते हैं कि ग्रह, नक्षत्र सही नहीं चल रहे। यह वही ग्रह नक्षत्र होते हैं जो व्यक्ति के जन्म नक्षत्र होते हैं इस पेज Nakshatra Names पर सभी Nakshatra Ke Naam बताए गए हैं जहां से आप अपना नक्षत्र भी पता कर सकते हैं।
FAQs About Nakshatra Names In Hindi
Q1. सबसे शुभ नक्षत्र कौन सा होता है
Ans : सभी नक्षत्रों में से “पुष्य नक्षत्र” शुभ नक्षत्र माना गया है इन्हें नक्षत्र में आप सोना, चांदी और नए सामान की खरीद कर सकते हैं।
Q2. भारत में कुल कितने नक्षत्र हैं ?
Ans : भारत में कुल 27 नक्षत्र हैं, जब चंद्रमा 27 सितारों के बीच से गुजरता है तो वही समूह नक्षत्र होते हैं।
Q3. 27 नक्षत्रों के नाम कौन कौन से हैं?
Ans : उत्तरा नक्षत्र, राक्षस नक्षत्र, कृतिका, अश्लेषा, देव नक्षत्र अश्विनी, ज्येष्ठ, मूल, धनिष्ठा, मृगशीर्ष, पुनर्वसु, पुष्य, हस्त, स्वाति, अनुराधा, रेवती, नक्षत्र भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, श्रवण पूर्वा,, माघ, चित्रा, विशाखा, और शतभिषक नक्षत्र।